उनका कहना है कि कोटा से बिहार के उन छात्रों को निकाल देना चाहिए, जिनके परिवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं, क्योंकि उनकी वजह से कोटा में अपराध बढ़ रहे हैं .
हालांकि उन्होंने कहा है कि अच्छे छात्रों को नहीं निकलना चाहिए. जाहिर है अगर किसी राज्य के एक छात्र ने कोई अपराध किया है तो पूरे राज्य के छात्रों पर उंगली कैसे उठाई जा सकती है.
तेजस्वी ने की कार्रवाई की मांग
तेजस्वी ने अपनी चिट्ठी में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लिखा है, ‘इस तरह की घटनाएं जहां एक बिहारी युवक की कुछ हिंसक लफंगों ने हत्या कर दी नृशंस और घृणित कार्य है. इस तरह की घटनाएं न सिर्फ कोटा में रहने वाले छात्रों के बीच असुरक्षा की भावना पैदा करती है, बल्कि उनके माता-पिता को भी गलत संकेत भेजती है. मैं आपसे अपील करता हूं कि इस घटना का संज्ञान लें और यह सुनिश्चित करें कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.’
बिहार के डिप्टी सीएम ने आशा जताई है कि राजस्थान सरकार और प्रशासन कोटा मामले की कार्रवाई में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. साथ ही वहां रहनेव वाले देशभर के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.
हेलमेट पहनने वाले को बताया था मूर्ख
गौरतलब है कि भवानी सिंह राजावत इससे पहले भी अपनी बेतुकी बयानबाजी के कारण विवादों में फंस चुके हैं. उन्होंने जून 2015 कहा था कि गाड़ी चलाते वक्त मूर्ख लोग ही हेलमेट पहनते हैं. राजावत ने कहा था, ‘हेलमेट लगाने वाले मूर्ख होते हैं. हेलमेट पहनना अनिवार्य नहीं होना चाहिए.’ यही नहीं, निकाय चुनाव के दौरान विधायक का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वो बीजेपी को वोट नहीं देने वालों को अश्लील गालियां दे रहे थे.
हिंदू राष्ट्र को लेकर दिया विवादित बयान
इससे पूर्व अप्रैल 2015 में भवानी सिंह राजावत ने हिंदू राष्ट्र को लेकर संविधान पर भी सवाल खड़े कर दिए थे. उन्होंने कहा था, ‘संविधान बनाने में चूक हुई है. बहुत पहले ही भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था. देश की आजादी के बाद जब भारत-पाकिस्तान अलग-अलग दो राष्ट्र खड़े हो गए. पाकिस्तान इस्लामिक राष्ट्र घोषित हो गया. संविधान निर्माता अंबेडकर संविधान मसौदा समिति के सदस्यों द्वारा दूरगामी सोच अपनाते हुए हिंदुस्तान को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था. अगर ऐसा हुआ होता तो देश में देशविरोधी नारे न लगते.’
