बिहार कि एकता का कहानी छुपा है, खैनी में। न जात का अंतर न बिरादरी का भेद-भाव, राह पर चलते एक दूसरे से पूछना, “,का हो बा का ” और बस सामने वाला चिनौटी निकल पीटने लगता है परमानन्द मसाला, खैनी।
इस प्रक्रिया पर आधारित लोकप्रिय चुटकुले सुनिए
1. Connecting People
2. एक बिहारी की तपस्या से प्रसन्न होकर
भगवान उसको अमृत देते हैं तो
वो मना कर देता है
भगवान – क्यों वत्स..अमृत क्यों नहीं पी रहे.
बिहारी -अभिये खैनी खाये हैं प्रभु।।
3. चांदनी रात में नदी के किनारे एक बिहारी प्रेमी अपनी बिहारी प्रेमिका का सर गोद में रख के रोमांटिक मूड में कहता है ❤ ऐ सुसमा । खैनी खाएगी रे?
4. हर तालियों के पिछे जरुरी तो नही आपकी तारिफ हो . . हो सकता हैं ………………?? कोई खैनी बना रहा हो 😛
5. एक लड़की ने प्यार से प्रेमी के सीने पर अपना सर रखा और बोली :- जानू, आपका दिल कितना मुलायम है। लड़का:- अरे पगली वो दिल नहीं ,जेब में गणेश खैनी की पुडिया है…!!! । खायेगी क्या?
6. अमेरिका में इंटरव्यू मेनेजर : where r u from लड़का : sir. india … मेनेजर : अरे वाह. इंडिया में कहाँ से लड़का : सर, बिहार से. मेनेजर : बिहार में कहा से हो बाबू लड़का : आरा से. मेनेजर : का बात है ! लड़का : चाचा आप भी आरा से है का ? मेनेजर : ह हो…? कल से आ जाना नोकरी पर… लड़का : चाचा हमार बायोडेटा तो देख ल… मेनेजर : कुछ नहीं देखम हम जानत है नकल कर के पास किया होगा तोहार नौकरी पक्की …. खैनी खियाव .

7. परीक्षा में गब्बरसिंह का चरित्र चित्रण करने के लिए कहा गया- दसवीं के एक छात्र ने लिखा- 1. सादगी भरा जीवन- :- शहर की भीड़ से दूर जंगल में रहते थे, एक ही कपड़े में कई दिन गुजारा करते थे, खैनी के बड़े शौकीन थे. 2. अनुशासनप्रिय- :- कालिया और उसके साथी को प्रोजेक्ट ठीक से न करने पर सीधा गोली मार दिये थे. 3.दयालु प्रकृति- :- ठाकुर को कब्जे में लेने के बाद ठाकुर के सिर्फ हाथ काटकर छोड़ दिया था, चाहते तो गला भी काट सकते थे. 4. नृत्य संगीत प्रेमी- ;- उनके मुख्यालय में नृत्य संगीत के कार्यक्रम चलते रहते थे.. ‘महबूबा महबूबा’, ‘जब तक है जां जाने जहां’. बसंती को देखते ही परख गये थे कि कुशल नृत्यांगना है. 5. हास्य रस के प्रेमी- :- कालिया और उसके साथियों को हंसा हंसा कर ही मारे थे. खुद भी ठहाका मारकर हंसते थे, वो इस युग के ‘लाफिंग बुद्धा’ थे. 6. नारी सम्मान- :- बंसती के अपहरण के बाद सिर्फ उसका नृत्य देखने का अनुरोध किया था, आधुनिक विलेन तो बहुत कुछ कर सकता था. 7. भिक्षुक जीवन- :- उनके आदमी गुजारे के लिए बस सूखा अनाज मांगते थे, कभी बिरयानी या चिकन टिक्का की मांग नहीं की.. . 8. समाज सेवक- :- रात को बच्चों को सुलाने का काम भी करते थे
8. मेट्रो तो पटना में भी आ
जाती लेकिन…
…
यहाँ के लोगो ने मना कर दिया, …
…
कहते हैं अइसन ट्रेन कौन काम के
कि खिड़की खोल के खैनीओ न थूक सके ।।
खैनी खाई हो और प्यास लगे तो बिहारी आदमी खैनी को 27वें दाँत में दबोकर इस तरह पानी पी लेते कि खैनी का स्वाद भी ना बिगड़े और प्यास भी बूझ जाए!
