प्रोफेसर साहब कैसी तबीयत है..। सब अल्लाह की मेहरबानी है..। परहेज में बच्चों के बीच रह रहा हूं। आपने साहित्य के लिए जो सेवा की उसका सम्मान करने हम लोग आए हैं..। इतना सुनकर भावुक हो गए प्रो.नाज कादरी। उन्होंने बिहार उर्दू अकादमी के अधिकारियों को बधाई दी। अवसर था ‘अकादमी आपके द्वार’ अभियान का।
मौलाना मजहरुल हक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एजाज अली अरशद व बिहार उर्दू अकादमी के सचिव मुस्ताक नूरी ने शनिवार को जिले में आकर वरीय शिक्षाविदों को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। इस ऐतिहासिक पल के भागीदार बने समस्तीपुर जिले के विधायक अख्तरूल इसलाम उर्फ शाहिन, उपमेयर सैयद माजिद हुसैन।
इससे पहले आबेदा स्कूल में आयोजित समारोह में वरीय शिक्षाविद प्रो.नजमुल होदा व प्रो.खुर्शीद समी को सम्मानित किया गया। पहली बार अनोखी पहल की चारों ओर सराहना हो रही है।
बेटियां बन रहीं हुनरमंद
कुलपति एजाज अली अरशद ने कहा कि 245 प्रखंडों में बीए तक की पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है। वहां पर ज्ञान संसाधन केंद्र खोले जा रहे हैं। वहां पर व्यवसायिक प्रशिक्षण भी मिलेगा। लड़कियों के लिए मुफ्त है। उर्दू लर्निग कोर्स बनाया गया है। जिसमें 15 दिन में उर्दू लिखना व पढ़ाना सिखाया जा रहा है। सभी समुदाय के बच्चे इस कोर्स का लाभ उठा रहे हैं।
सेवा व लगाव को सम्मान
मुस्ताक अहमद नूरी ने बताया कि बिहार उर्दू अकादमी वैसे वरीय शिक्षाविदों के दरवाजे पर जाकर सम्मान दे रही है, जिनकी रोजी-रोटी का जरिया उर्दू नहीं है। लेकिन वे उम्र के अंतिम दौर में इस भाषा की सेवा कर रहे हैं। इसके प्रति लगाव रखे हुए हैं। बिहार के हर जिले में तीन वरीय शिक्षाविदों का चयन किया गया है। चयनित लोगों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
सम्मान समारोह पर मुशायरा
आबेदा उर्दू स्कूल परिसर में बिहार उर्दू अकादमी के सम्मान समारोह के अवसर पर मुशायरे का भी आयोजन हुआ। इसमें नामचीन शायरों ने अपनी शायरी पढ़ी। दो सत्र में आयोजित समारोह का मंच संचालन पटना कामर्स कॉलेज के प्रो.सफदर इमाम कादरी व डॉ.जलाल असगर फरीदी ने किया। अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य डॉ. अजीमुर रहमान ने की। आयोजन में हसन रजा, मो.शहाबुद्दीन अहमद आदि ने मुख्य सहयोग किया।
