‘दोस्तों की हर मुसीबत में मदद करो’ यही भावना से छपरा के रहने वाले नितेश श्रीवास्तव ने अपने दोस्त की मदद की। दोस्त का नाम है, तरुण पोद्दार। दो बच्चो और बीवी की मज़बूरी और अपना नया बिज़नस कर जिंदगी संभालने की कहानी सुना, तरुण ने हर दोस्तों का दरवाजा खटखटाया पर साथ देने वाले कम थे। मगर आज भी दोस्ती जिन्दा है और इसी को अपना मानते नितेश श्रीवास्तव ने तरुण पोद्दार की हर मज़बूरी को समझते हुए उनको एक बार 15 लाख और एक बार 5 लाख रूपए दिए जिससे तरुण ने अपना बिज़नस शुरू किया।
तरुण पोद्दार ने छपरा के मसहूर बाजार हथुवा मार्किट में और पुरानी गुड़हरट्टी में दुकान खोल पैसे कमाने शुरू किये। जैन सिंथेटिक्स के नाम से दुकान चलाने वाले तरुण पोद्दार ने खूब पैसे कमाए और तब नितेश ने अपने पैसे मांगे जो लगभग उनकी पूरी पूंजी थी (20 लाख रूपए), उनके मागने पर तरुण आज कल, आज कल करने लगा। भलाई का गाला घोटने वालो की कमी नहीं है। बहुत कहने पर भी पैसे नहीं देने पे, एक बार नितेश ने उसके संवाद को रिकॉर्ड भी किया जो की ये है :
अप्रैल में पैसे लेने के बाद अक्टूबर में भी राविया यही था, अक्टूबर 5 को फिर से एक बार तरुण-नितेश की आखरी बात हुई जब तरुण ने पैसे देने की बात की अपने माता और पिता को भी साथ ला कर पैसे देने का अस्वासन दिया। मगर उसके बाद छपरा में तरुण को नहीं देखा गया। रातो रात तरुण छपरा से अपने परिवार समेत गायब हो गए थे या यु कहे भाग गए थे। दोस्ती को शर्मसार कर तरुण ने ऐसी धोकेबाज़ी की जिससे आज हर इंसान कहानी सुनने पर तरुण के नाम पर थू थू कर रहा है। तरुण से फेसबुक पर संवाद में नितेश से कोई हमदर्दी तो छोड़ ही दीजिए उसने साफ़ साफ़ पैसे नहीं देने की बात तक दी। कुछ ये कहा तरुण ने नितीश को :
पुलिस में नितेश ने FIR करा दिया है और पुलिस इस केस में तरुण पर धोखादड़ी का केस दर्ज कर लिया है। इन सब के बीच AaoBihar आप सब से अनुरोध करता है की इस पोस्ट को हर संभव अस्तर पर शेयर करे और तरुण पोद्दार जैसे गद्दार इंसान को ढूंढने में मदद करे ताकि नितेश श्रीवास्तव जैसे लोगो का इंसानियत और दोस्ती विस्वास न उठे।
