– 1,27,42,39712 ये अंक देश की जनसंख्या को प्रदर्शित करता है
– 23,17,51123 ये अंक भारत के विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों की संख्या है
– 13,08,25056 इतने छात्र 9वी क्लास से पहले अपनी पढ़ाई छोड़ देते है
– एक बड़ी जनसँख्या वाला देश भारत, हमारा भारत कही पिछड़ता नज़र आता है, मुख्य कारणों में से एक है शिक्षा
– 4,00,000 विद्यालयों के बावजूद, गुणवत्ता के आभाव में विकाश खत्म सा नज़र आता है
– आशा की किरण: देश में २२ करोड़ से भी ज्यादा लोग इंटरनेट चलते है
क्या करे: हम और आप क्या कर सकते है
जो भी जहा भी इस पोस्ट को पढ़ रहा है वो इतना सक्षम जरूर होगा की मोबाइल फ़ोन पर फेसबुक, व्हाट्सप्प और ट्विटर से १ घंटा निकल कर भारत बनाने में लगा सकता हो। अगर आप इसके लिए तैयार है फिर तो भारत को बनाना सिर्फ सपना नहीं हकीकत है। जानते है कैसे, वो ऐसे की अब सोशल लर्निंग मोबाइल पर बखूबी संभव है जहा टीचर बन कर हर पढ़ा लिखा इंसान अपने आस पास के बच्चों को पढ़ा सकता है। तो आपको भारत निर्माण करने में थोड़ा मेहनत तो करना होगा पर यकीन मानिये हर दिन जब आप ऐसा करेंगे, एक नए भारत को जन्म देंगे।
१. सबसे पहले आप खुद से सवाल करे, क्या आप सोशल एप्प से सोशल लर्निंग अप्प पर पढ़ा सकते है उन बच्चों को जो भारत उज्जवल बनायेगे
२. अगर हाँ, तो आपको करना है Eckovation App डाउनलोड और बन जाना है टीचर। टीचर बन कर अपने क्लास (ग्रुप) को वह बनाये और ये ग्रुप को बनाते ही मिलेगा आपको एक कोड।
३. ग्रुप कोड को उन बच्चों को दे जिनको आप पढ़ना चाहते है। बच्चों के घर में माता-पिता भाई पडोसी कोई भी हो उसके मोबाइल पे बच्चा आपका classroom ज्वाइन कर सकता है।
४. बच्चों ज्वाइन करने के बाद आप का classroom तैयार है और आप भारत निर्माण के लिए तैयार है
५. जो आज तक भारत में सही ढंग से नहीं हो पाया, आप उसको अंजाम दे रहे है। आप भारत की नींव तैयार कर रहे है, आप भारत को शिक्षित बना रहे है। गणतंत्रता दिवस पर ये भेट देश को बहुत रास आएगा।
ऐसा मैंने खुद करना शुरू किया है और मेरे साथ मेरे दोस्त भी जो सब इंजीनियर है उसके साथ साथ टीचर भी बन गए है Eckovation अप्प पर । ये सब अब Eckovation पर भारत के हर कोने में रह रहे छात्र छात्रों को पढ़ते है। हमारा Classroom का कोड हम आपको उदहारण के तोर पर शेयर कर रहे है इस उम्मीद से की मेरे जैसे आप भी काम से काम 100 बच्चों को शिक्षित बनाने में देश की मदद करेंगे।
क्युकी पढ़ेगा देश तभी तो बढ़ेगा भारत
