बेटी विलाप — भिखारी ठाकुर January 2March 7Bihar Aao 0 गिरिजा-कुमार!, करऽ दुखवा हमार पार; ढर-ढर ढरकत बा लोर मोर हो बाबूजी। पढल-गुनल भूलि गइलऽ, समदल भेंड़ा भइलऽ; सउदा बेसाहे में ठगइलऽ हो बाबूजी। केइ […]