यूनेस्को ने ‘नालंदा महाविहार के भग्नावशेष’ को विश्व धरोहर घोषित किया है. शुक्रवार की सुबह यूनेस्को की विश्व धरोहर चुनने वाली कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया.
विश्व के चार जगहों को इस सूची में जगह दी गई है. जिसमें चीन, इरान, मैक्रोनेसिया के पुरातात्विक स्थल के अलावा बिहार स्थित नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को भी विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया है.
गौरलब है कि नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 413 ईस्वी में हुई थी और 780 साल तक यह बौद्ध धर्म, दर्शन, चिकित्सा, गणित, वास्तु, धातु और अतंरिक्ष विज्ञान के अध्ययन का विश्व प्रसिद्ध केंद्र रहा. 1193 में हमलावरों ने इस विश्वविद्यालय को तहस-नहस कर दिया था.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसको लेकर खुशी जाहिर की है. अपने फेसबुक प्रोफाइल से जारी संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार की संयुक्त पहल पर फलस्वरूप ‘नालंदा महाविहार के भग्नावशे’ को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किए जाने की सूचना प्राप्त हुई है.
उनहोने कहा कि इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए यूनेस्को में प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सभी सदस्य देशों को उनके सहयोग के लिए एवं संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, यूनेस्को में भारतीय दूतावास, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, राज्य के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग तथा सभी संबद्ध अधिकारीगण को उनके प्रयासों के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूं. बिहार और देश के लिए गौरव के इस क्षण में सभी देशवासियों एवं राज्य के नागरिकों को बधाई.
Source: News18
